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एक अनोखा मुकदमा💢 'माँ तेरी है'

एक अनोखा मुकदमा💢 'माँ तेरी है'
  एक अनोखा मुकदमा💢 'माँ तेरी है': ©Provided by Bodopress/Mukesh kumar, Ajmer

न्यायालय  में एक मुकद्दमा आया 'माँ तेरी है', जिसने सभी को झकझोर दिया |अदालतों में प्रॉपर्टी विवाद व अन्य पारिवारिक विवाद के केस आते ही रहते हैं|  मगर ये मामला बहुत ही अलग किस्म का था|

 एक 60 साल के  व्यक्ति ने ,अपने 75 साल के बूढ़े भाई पर मुकद्दमा किया था| मुकदमा कुछ यूं था कि "मेरा 75 साल का बड़ा भाई,अब बूढ़ा हो चला है, इसलिए वह खुद अपना ख्याल भी ठीक से नहीं रख सकता |मगर मेरे मना करने पर भी वह हमारी 95 साल की मां की देखभाल कर रहा है |

 मैं अभी ठीक हूं, सक्षम हू। इसलिए अब मुझे मां की सेवा करने का मौका दिया जाय और मां को मुझे सौंप दिया जाय"। न्यायाधीश महोदय का दिमाग घूम गया और मुक़दमा भी चर्चा में आ गया| न्यायाधीश महोदय ने दोनों भाइयों को समझाने की कोशिश की कि आप लोग 15-15 दिन रख लो|

 मगर कोई टस से मस नहीं हुआ, बड़े भाई का कहना था कि मैं अपने  स्वर्ग को खुद से दूर क्यों होने दूँ |अगर मां कह दे कि उसको मेरे पास कोई परेशानी  है या मैं  उसकी देखभाल ठीक से नहीं करता, तो अवश्य छोटे भाई को दे दो। छोटा भाई कहता कि पिछले 35 साल से,जब से मै नौकरी मे बाहर हू, अकेले ये सेवा किये जा रहा है, आखिर मैं अपना  कर्तव्य कब पूरा करूँगा। जबकि आज मै स्थायी हूं, बेटा बहू सब है, तो मां भी चाहिए।

परेशान  न्यायाधीश महोदय ने  सभी प्रयास कर लिये, मगर कोई हल नहीं निकला| आखिर उन्होंने मां की राय जानने के लिए उसको बुलवाया और पूंछा कि वह किसके साथ रहना चाहती है|   मां कुल 30-35 किलो की बेहद कमजोर सी औरत थी |उसने दुखी दिल से कहा कि मेरे लिए दोनों संतान  बराबर हैं| मैं किसी एक के  पक्ष में फैसला सुनाकर, दूसरे का दिल नहीं दुखा सकती|आप न्यायाधीश हैं , निर्णय करना आपका काम है, |जो  आपका निर्णय होगा मैं उसको ही मान लूंगी। आखिर न्यायाधीश महोदय ने भारी मन से  निर्णय दिया कि न्यायालय छोटे भाई की भावनाओं से  सहमत है कि बड़ा भाई वाकई बूढ़ा और कमजोर है| ऐसे में मां की सेवा की जिम्मेदारी छोटे भाई को दी जाती है।

फैसला सुनकर बड़े भाई ने छोटे को गले लगाकर रोने लगा | यह सब देख अदालत में मौजूद  न्यायाधीश समेत सभी के आंसू छलक पडे। कहने का  तात्पर्य यह है कि अगर भाई बहनों में वाद विवाद हो, तो इस स्तर का हो|  ये क्या बात है कि 'माँ तेरी है' की लड़ाई हो,और पता चले कि माता पिता ओल्ड एज होम में रह रहे हैं |यह पाप  है। धन दौलत गाडी बंगला सब होकर भी यदि मा बाप सुखी नही तो आप से बडा कोई जीरो(0)नही।



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