-->

आत्मविश्वास पर निबंध, आत्मविश्वास शीर्षक पर एक लघु कथा

आत्मविश्वास पर निबंध, आत्मविश्वास शीर्षक पर एक लघु कथा
आत्मविश्वास पर निबंध, आत्मविश्वास शीर्षक पर एक लघु कथा

 निबंध : आत्मविश्वास पर निबंध, Kajal Sah

जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास उतना ही आवश्यक है, जितना मनुष्य के लिए ऑक्सीजन और पानी। बिना आत्मविश्वास के व्यक्ति सफलता की ऊंचाइयों पर कदम बढ़ा ही नहीं सकता।आत्मविश्वास वह ऊर्जा है, जो सफलता की राह में आने वाली हर अड़चनों, कठिनाइयों और परेशानियों से मुकाबला करने के लिए व्यक्ति को बल देती है।


* प्रतिदिन ताम्र पात्र से प्रातः काल में सूर्य को जल अर्पित करने से आत्मविश्वास और इच्छा शक्ति में वृद्धि होती है। * आप सूरजमुखी के फूल को पूर्व दिशा में रखे, इससे आपके आत्मविश्वास मे बढ़ोतरी होती है। * अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए आप हमेशा पूर्व दिशा की तरफ मुहं करके ही खाना खाए। * खुली खिड़की रखना शुभ संकेत है।

फैसले लेने में ज्यादा देर न करें: भाग-दौड़ भरी जिंदगी में अब सोचने समझने के लिए बहुत कम मौके मिलते हैं. इसलिए जल्द से जल्द सही फैसले लेने की क्षमता विकसित करें. जब आप गंभीर फैसले लेने लगेंगे तो वहीं से आप में आत्मविश्वास आना भी शुरू हो जाएगा.


आत्मविश्वास से ही विचारों की स्वाधीनता प्राप्त होती है और इसके कारण ही महान कार्यों के सम्पादन में सरलता और सफलता मिलती है। इसी के द्वारा आत्मरक्षा होती है। जो व्यक्ति आत्मविश्वास से ओत-प्रोत है, उसे अपने भविष्य के प्रति किसी प्रकार की चिन्ता नहीं रहती। उसे कोई चिन्ता नहीं सताती।


स्वयं पर विश्वास करना बेहद ही जरुरी है, क्युकी जब हम खुद पर विश्वास तब सब चीज आसान है, इसलिए खुद पर भरोसा और जीवन में आगे बढ़ने का जोश हमें हमेशा रखना चाहिए क्युकी जब हमारे अंदर अपने भविष्य के प्रति विचार उत्पन्न होने लगता है तब हमे सबसे ज्यादा स्वयं यानी आत्मविश्वास  खुद पर रखना चाहिए, सफल होने के लिए कई सारे नियम है और उन नियमों में से एक नियम है आत्मविश्वास करना

जीवन में कुछ कठिन नहीं है क्युकी मानव जाति एक ऐसा तोहफा है जो नामुमकिन को मुमकिन बना सकता है कारण क्या है उन व्यक्तियों पर खुद पर पूरा यकीन होता है इसलिए वो मेहनत, स्वयं पर विश्वास और कड़ी लग्न से जीवन में आगे बढ़ते है।


आज हम सभी कलयुग में जी रहे है जहाँ पर सच को झूठ और झूठ को सच बनाया जाता है जहाँ पर अपराधों को बढ़ावा दिया जाता है, खुद पर लोग विश्वास करें या ना करें लेकिन विश्वसास घाट करने के लिए लोग जरूर तैयार रहते है जो पूर्ण रूप से ग़लत, क्युकी जब हम ऐसा करते है तब हम दूसरों के साथ ही साथ खुद को भी बहुत नकारात्मक कार्य एंव विचारों से जुड़ जाते है इसलिए खुद पर बहुत यकीन और आत्माघाट नहीं करना है


खुद पर यकीन

खुद पर पक्का इरादा

तब मंजिल जरूर ही दिखे गी?

धन्यवाद : काजल सांह : स्वरचित


Post a Comment

Thanks for messaging us. If you have any doubts. Please let me know.

Previous Post Next Post

Offer

<

Mega Offer