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Azadi Aur Netao ki Balidan || Freedom Fighters


Watch the video on YouTube here: https://youtu.be/QheoP6JLElM

Freedom Fighters: तिरंगे को गिरने से पहले ही दूसरे हाथ में ले लिया। दूसरी गोली दाएं हाथ में और तीसरी माथे पर लगी। मातंगिनी वहीं शहीद हो गईं। इस बलिदान ने क्षेत्र के लोगों में जोश भर दिया परिणामस्वरूप लोगों ने दस दिनों के अंदर ही अंग्रेजों को वहां से खदेड़ दिया और स्वाधीन सरकार स्थापित की, जिसने 21 माह काम किया।

अहिंसा के रास्ते पर चलकर अंग्रेजों को झुकने पर मजबूर करने वालों में महात्मा गांधी का नाम सबसे पहले आता है। उन्होंने सत्याग्रह आंदोलन करके भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ब्रिटिशर्स की ओर से नमक पर टैक्स लगाए जाने के विरोध में गांधी जी की ओर से शुरू किया गया दांडी मार्च बहुत सफल हुआ था।

वासुदेव बलवंत फड़के का जन्म 4 नवंबर, 1845 को महाराष्ट्र के रायगड जिले के शिरढोणे गांव में हुआ था. ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का संगठन करने वाले फड़के भारत के पहले क्रांतिकारी थे.

इसमें नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी और उनकी आजाद हिन्द फौज का भी सबसे बड़ा योगदान रहा है। नेता जी सुभाष चन्द्र बोस अमर रहें। देश को आजाद कराने में मुख्य योगदान किसका था? मेरे विचार में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का।

भारत की स्वतंत्रता से तात्पर्य ब्रिटिश शासन द्वारा 15 अगस्त 1947 को भारत की सत्ता का हस्तांतरण भारत की जनता के प्रतिनिधियों को किए जाने से है। इस दिन दिल्ली के लाल किले पर भारत के पहले प्रधानमंत्री [पंडित जवाहर लाल नेहरू] ने भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर स्वाधीनता का ऐलान किया किया था।

पारसी परिवार में आज ही के दिन जन्मीं भीकाजी भारत की आजादी से जुड़ी पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी थीं. आज भीकाजी कामा का आज 157वां जन्मदिन है. जर्मनी के स्टुटगार्ट में हुई दूसरी 'इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस' में 46 साल की पारसी महिला भीकाजी कामा ने भारत का झंडा फहराया था.

नम्रता ही स्वतंत्रता की धात्री या माता है। लोग भ्रमवश अहंकार वृत्ति को उसकी माता समझ बैठते वह उसकी सौतेली माता है, जो उसका सत्यानाश करती है।

देश- दुनिया, विकीपीडिया, इतिहासकार भले ही मानें कि अंग्रेजों के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की शुरूआत 10 मई 1857 को मेरठ से हुई थी, लेकिन हरियाणा की खट्टर सरकार ऐसा नहीं मानती. उसके मुताबिक ने 1857 का संग्राम मेरठ से नहीं, बल्कि अंबाला से शुरू हुआ था. इसके कई प्रमाण हैं.

चंद्रशेखर आजाद: वो क्रांतिकारी जिसने कहा 'आजाद हूं, आजाद रहूंगा'

जैसे भारत के विभाजन से पहले पाकिस्तान कोई देश या कहें की भारत का गुलाम नहीं था। इसी तरह बांग्लादेश किसी का गुलाम नहीं था। बलूचिस्तान अगर नया देश बन जाता है तो इसका मतलब यह नहीं है की अभी वो गुलाम है। वैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यू ज़ीलैंड , कनाडा पर अभी भी ब्रिटिश महारानी का शासन है, पर वो देश ब्रिटेन के गुलाम नहीं हैं.
Azadi Aur Netao ki Balidan




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