Surukshit Holi question answer: Speech by Kajal Sah, Kolkata |
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कविता - जनवरी की ठंडकड़ाके की ठंड आ गई देखो जनवरी की माह आ गई अब गर्म - गर्म चाय पीने की चुसकी की बारी आई गई देखो १२ माह खत्म करके फिर से कड़ाके की ठंड वाली जनवरी आई गई । ठंडे की रूवानी गर्म - गर्म पौकड़े की बमबारी आई गई सबसे प्यारी माह की ठंडे की बारी आ गई इस बार जनवरी की माह वो ठंडे रात आ गई। धन्यवाद - काजल साह
Holi poetry K Kajal Sah to info 29 Mar 2021Details कविता - नाचो होली आईआ चुकी है,होली हमारी रंग लगाओ , भांग पिओ जोरदार ठुमक - ठुमक कर नाचो आ गई है ,अब रंग लगाने की सब की बारी - बारी। त्योहार का साथ है , रंगो का मेल है भांग पीने का जोश है जोरदार नाचो ,आ गई है होली हमारी लाल - पीला ,हरा - नीला यह सब रंग लगाने की आ गई है जोरदार सब की बारी गले लग जाओ और मिटा दो सारे शत्रुता सारी आ गई है ,होली हमारी। धन्यवाद 🙏काजल
साह नाम : काजल साह |
पत्रिका 🙏 K Kajal Sah, to msspatrika, 5 Apr 2021Details कविता = आशा का एक नया दिनकदम रुकते नहीं मेरे मंजिल की ओर बढ़ते समय सांसे थमती नहीं ,मेरी कोशिश करते समय । गिरती हूं ,भटकती हूं झुकती हूं,खोजती हूं पर हिम्मत नहीं टूट पाती है,मेरी सपना झुक नहीं पाती है,मेरी ताने मिलते है,मुझे सारे दर्द सह लेती हूं बाद में मैं ही गलत कहलाती हूं। लोगों का कहना है, कि कोयला नहीं बन सकता है ,हीरा रगड़ा है,जिसने खुद को वो बन जाता है ,कुदरत का हीरा। मेहनत करना है ,तब तक जब तक कि पा ना
लु उस मंजिल को हौसला तोड़ेंगे लोग पर हिम्मत बुलंद होगी मेरी पा लूंगी उस मंजिल को अपने संघर्ष से धन्यवाद🙏काजल
साह Name - kajal sah Class -15 कविता - ओ कोरोनाओ कोरोना आया अपना असली रूप दिखाया अपना जहर सब में फैलाया दुनिया को नीचे झुकाया ओ कोरोना आया। चेहरे पर सब के माक्स पहनाया हाथों में सबके सैनिटाइजर लगाया सब के बीच दूरियां बनाया सब को जोरदार बुखार करवाया ओ कोरोना आया। सब का मुस्कान चुराया दुनिया में मातम लाया ओ कोरोना आया। धन्यवाद🙏काजल
साह |
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