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Gandhi Jayanti के अवसर पर सुदूर लेह में खादी से निर्मित 225 फुट लंबा, व 150 फुट चौड़ा 1,000 किलो भार तिरंगा

Gandhi Jayanti के अवसर पर सुदूर लेह में खादी से निर्मित 225 फुट लंबा, व 150 फुट चौड़ा 1,000 किलो भार का विश्व का सबसे बड़ा तिरंगा लगाया गया।

यह नागरिकों में स्वदेशी खादी के उपयोग को प्रोत्साहित करने के साथ ही देश प्रेम की भावना को बढ़ायेगा।

Gandhi Jayanti के अवसर पर सुदूर लेह में खादी से निर्मित 225 फुट लंबा, व 150 फुट चौड़ा 1,000 किलो भार तिरंगा
Gandhi Jayanti के अवसर पर सुदूर लेह में खादी से निर्मित 225 फुट लंबा, व 150 फुट चौड़ा 1,000 किलो भार तिरंगा

भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है। इसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी। इसे 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व २२ जुलाई, १९४७ को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया गया था

तिरंगे के बारे में दस लाइन

1) भारत का राष्ट्रीय ध्वज देश की स्वतंत्रता को दर्शाता है। 2) राष्ट्रीय ध्वज देश के गौरव का प्रतीक होता है। 3) राष्ट्र का झंडा उस देश की अखंडता को प्रदर्शित करता है। 4) राष्ट्रीय ध्वज लोगों में देशभक्ति की भावना को प्रेरित करता है।

भारतीय तिरंगा किस व्यक्ति ने बनाया था

भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है। इसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी। इसे 14 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व 22 जुलाई, 1947 को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया गया था
पहली बार भारत में राष्ट्रीय ध्वज कब फहराया गया था

भीखाजी कामा श्रीमती भीखाजी जी रूस्तम कामा (मैडम कामा) ने जर्मनी के स्टटगार्ट नगर में 22 अगस्त 1907 में हुई सातवीं अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में भारत का प्रथम तिरंगा राष्ट्रध्वज फहराया था

राष्ट्रीय ध्वज फहराने के नियम

आईए जानते हैं तिरंगा फहराने के नियम क्या हैं:
  • तिरंगे को हमेशा सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही फहराया जा सकता है।
  • तिरंगे को कभी जमान पर नहीं रखा जा सकता है।
  • झंडे को कभी झुकाया नहीं जाता। ...
  • झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता।
  • झंडे को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुचाया जाता है।

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