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श्री नितिन गडकरी ने कहा कृषि ही हमारी असली ताकत है जो देश की ईंधन ऊर्जा सुरक्षा को समर्थन दे रही है।

 

श्री नितिन गडकरी ने कहा कृषि ही हमारी असली ताकत है जो देश की ईंधन ऊर्जा सुरक्षा को समर्थन दे रही है।
श्री नितिन गडकरी ने कहा कृषि ही हमारी असली ताकत है जो देश की ईंधन ऊर्जा सुरक्षा को समर्थन दे रही है। ©Provided by Bodopress

23 Sep 2021:  केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कृषि हमारी वास्तविक ताकत है और हमारा उद्देश्य ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में विविधता लाना है। जैव ऊर्जा शिखर सम्मेलन 2021 'फार्म-2-फ्यूल: एत्मनिरभर भारत के लिए टिकाऊ जैव ऊर्जा समाधान' को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की ईंधन ऊर्जा सुरक्षा को कृषि द्वारा अच्छी तरह से समर्थन दिया जा सकता है क्योंकि यह ऊर्जा के लिए अपशिष्ट और ऊर्जा के कचरे जैसी अवधारणाओं के लिए अवसर प्रदान करता है और अंततः सभी को लाभ पहुंचाता है। 

मंत्री महोदय ने कहा कि इन लक्ष्यों को पांच चरणबद्ध रणनीति के माध्यम से हासिल किया जाएगा जिसमें जैव ईंधन और नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाना, ऊर्जा दक्षता मानदंडों को लागू करना, रिफाइनरी प्रक्रियाओं में सुधार, घरेलू उत्पादन में वृद्धि और मांग प्रतिस्थापन प्राप्त करना शामिल है । उन्होंने कहा कि यह रणनीति भारतीय ऊर्जा बास्केट में जैव ईंधन के लिए रणनीतिक भूमिका का इस्तेमाल करती है। 

मंत्री महोदय ने कहा कि 20% इथेनॉल-सम्मिश्रण के लिए लक्ष्य वर्ष को पांच वर्ष से 2025 तक आगे बढ़ाने की घोषणाएं, 2030 तक डीजल में बायोडीजल का 5% सम्मिश्रण, तेल कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 से 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बेचने का निर्देश देता है, और उच्च इथेनॉल मिश्रणों के लिए बीआईएस विनिर्देश - E12 और E15 एक संकेत देता है कि सरकार जैव ईंधन और ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत को महत्व देती है।

उन् होंने कहा कि श्री गडकरी ने कहा कि ब्राज़ील और भारत दोनों ही सतत ऊर्जा रोडमैप पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और अपने अनुभवों को साझा करने के माध्यम से हम निश्चित रूप से अपने देशों में एक आत्मनिर्भर ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि भारत टिकाऊ और जलवायु-तटस्थ विकास के माध्यम से अग्रणी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में से एक है । उन्होंने कहा कि समाज को नैतिकता, पारिस्थितिकी और पर्यावरण पर महत्वपूर्ण ध्यान देने के साथ सभी के लिए रहने योग्य, व्यावहारिक और टिकाऊ होना चाहिए । श्री गडकरी ने कहा कि भारत पेरिस जलवायु समझौते को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को 33 से 35% तक कम करने के प्रयास केंद्रित हैं।

मंत्री महोदय ने कहा कि हानिकारक ग्रीन हाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को कम करके परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनेट करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम देश में परिवहन के आयात-विकल्प, लागत प्रभावी, स्वदेशी और प्रदूषण मुक्त साधनों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं ।

श्री गडकरी ने कहा कि भारत 2025-26 तक उत्पादन, इथेनॉल की आपूर्ति और देशव्यापी विपणन के लिए प्रणालियों के लिए वार्षिक रोड-मैप के माध्यम से एक उत्कृष्ट स्वच्छ ऊर्जा आधारित अर्थव्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है ।

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