सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय कल मनाएगा सांकेतिक(Sign) भाषा दिवस
इस अवसर पर प्रस्तुत की जाएगी 'भारतीय सांकेतिक(Sign)भाषा यात्रा' पर वृत्तचित्र
डॉ. वीरेंद्र कुमार चौथी भारतीय सांकेतिक (Sign) भाषा प्रतियोगिता, 2021 के विजेताओं के साथ बातचीत करेंगे
भाषा दिवस: डॉ. वीरेंद्र कुमार चौथी भारतीय Sign भाषा प्रतियोगिता, 2021 के विजेताओं के साथ बातचीत करेंगे: ©Provided by Bodopress |
22 Sep 2021: नई दिल्ली सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (दिव्यांगजन) के भीतर एक स्वायत्त संस्था भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (ISLRTC) कल नई दिल्ली के 15 जनपथ स्थित डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में सांकेतिक भाषा दिवस मनाया जाएगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार मुख्य अतिथि होंगे और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री केएम प्रतीक भोपाल और श्री ए नारायणस्वामी सम्मानित अतिथि होंगे। इस अवसर पर DEPwD की सचिव श्रीमती अंजलि भवरा, शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अतिरिक्त सचिव डॉ. संतोष सारंगी और DEPwD& के संयुक्त सचिव डॉ. प्रबोध सेठ और ISLRTC के निदेशक एसवी गोपाला कृष्णन भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
जब से संयुक्त राष्ट्र ने 23 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस घोषित किया है, तब से ISLRTC ने इसे हर साल मनाया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आम जनता को भारतीय सांकेतिक भाषाओं के महत्व और श्रवण विकलांग व्यक्तियों के लिए सूचना और संचार पहुंच के बारे में जागरूक करना है । सांकेतिक भाषा न केवल लोगों को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, बल्कि श्रवण विकलांग व्यक्तियों के लिए रोजगार और व्यावसायिक प्रशिक्षण बनाने में भी महत्वपूर्ण है ।
कार्यक्रम के दौरान, केंद्र 'भारतीय सांकेतिक भाषा यात्रा' पर एक वृत्तचित्र प्रस्तुत करेगा, और सुनवाई विकलांग छात्रों के लिए आयोजित एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता-4 भारतीय सांकेतिक भाषा प्रतियोगिता, 2021 के विजेताओं की घोषणा भी करेगा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भी अपने अनुभव साझा करने के लिए भारत के विभिन्न भागों से कुछ विजेताओं के साथ लाइव इंटरैक्शन कर सकते हैं ।
ISLRTC ने कक्षा 1 से 12 तक NCERT की पाठ्यपुस्तकों को भारतीय सांकेतिक भाषा (डिजिटल प्रारूप) में परिवर्तित करने के लिए 06 अक्टूबर, 2020 को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए ताकि श्रवण अक्षमताओं वाले बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकों को सुलभ बनाया जा सके। कक्षा पहली से पांचवीं पाठ्यपुस्तकों के रूपांतरण के लिए परियोजना का पहला चरण पूरा हो चुका है और कार्यक्रम के दौरान ई-सामग्री शुरू की जाएगी ।
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