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what is caa in Assam?असममें नया सरकार CAA को 'गोलचक्कर', लागू की कोशिश

what is caa in Assam?असममें नया सरकार CAA को 'गोलचक्कर', लागू की कोशिश
what is caa in Assam?असममें नया सरकार CAA को 'गोलचक्कर', लागू की कोशिश : ©Provided by Bodopress/Karan Singh

04 June 2021: what is caa in Assam? असम में नया सरकार caa-nrc को 'गोलचक्कर', लागू की कोशिश !  असम विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक देबब्रत सैकिया ने आरोप लगाया है कि राज्य की भाजपा सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को 'गोलचक्कर' तरीके से लागू कराने की कोशिश कर रही है। जो की असम में अवैध बांग्लादेशी को फायदा होगा, जो राज्य में बस जायेंगे। 


श्री सैकिया ने 19 मार्च के एक सरकारी पत्र का हवाला देते हुए कहा है, जिसमें उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, विदेशियों के पंजीकरण अधिकारियों आदि को निर्देश दिया गया है, कि वे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने के संबंध में जानकारी का प्रसार करें जो दीर्घकालिक वीजा रखते हैं । यह पत्र विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले जारी किया गया था जिसके बाद BJP  सत्ता में लौट आई।


मीडिया के साथ इस पत्र की एक प्रति साझा करते हुए श्री सैकिया ने मांग की है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के लंबे समय से लंबित दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया को विदेशियों के अधिकरणों के माध्यम से नियमानुसार तत्काल पूरा किया जाए ।


श्री सैकिया ने मांग की कि चूंकि 1955 से पहले की अवधि के वास्तविक नागरिकों के नाम ही निष्पक्ष दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया के बाद छोड़ दिए जाएंगे, इसलिए सरकार को नागरिकता अधिनियम, 1955 के प्रावधानों के अनुसार इन नागरिकों को राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना चाहिए ।


उन्होंने उल्लेख किया कि कोई भी विदेशी नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5 और 6 के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है और caa-nrc को लागू करने की कोई आवश्यकता नहीं है।


उन्होंने कहा कि चूंकि caa-nrc को इन तीनों देशों के प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए पेश किया गया था, इसलिए इस बात पर संदेह करने का कारण है कि राज्य सरकार का निर्देश राज्य में इस कानून को गोलचक्कर तरीके से लागू करने की चाल के अलावा कुछ नहीं है ।


श्री सैकिया ने कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम की व्याख्या caa-nrc के समर्थन के रूप में नहीं की जा सकती क्योंकि भाजपा ने केवल 33.21 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया ।


उन्होंने मांग की कि यदि विदेशी प्रवासियों के किसी वर्ग को दीर्घावधि वीजा के आधार पर नागरिकता प्रदान की जानी है तो स्वदेशी लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए बंगाल पूर्वी सीमांत विनियम, 1873 के प्रावधानों के अनुसार असम में इनर लाइन परमिट प्रणाली शुरू की जानी चाहिए।


असम में caa-nrc के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था । लेकिन जहां देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि यह अधिनियम धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण है, वहीं असम के लोग एक अलग कारण से इस कानून का विरोध कर रहे हैं  ।


टिप्पणियाँ caa-nrc

असम के प्रदर्शनकारी चाहते थे कि 1986 के असम समझौते में हुए समझौते के अनुसार नागरिकता के लिए कट ऑफ डेट 1971 तय की जाए। CAA अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के सताए गए अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करता है जो दिसंबर 2014 के अंत से पहले भारत पहुंचे थे । असमिया लोगों ने इस कानून का विरोध करते हुए दलील दी कि इस कानून से  अवैध बांग्लादेशिओं को फायदा होगा, जो राज्य में बस गए हैं ।

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