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चलो शपत ले प्रकृति केप्रदूषण को अब मिटाते है, पृथ्वी को अपना बनाना है

चलो शपत ले प्रकृति केप्रदूषण को अब मिटाते है, पृथ्वी को अपना बनाना है
चलो शपत ले प्रकृति केप्रदूषण को अब मिटाते है, पृथ्वी को अपना बनाना है: ©Provided by Bodopress/Kajal Shah

काजल साह : स्वरचित

कविता : स्लोगान

18 May 2021


**** स्लोगान ****


1.चलो शपत लेते है

प्रकृति के प्रदूषण को 

अब मिटाते है

साथ मिलकर सब को यह 

सबक दिलाते है

पृथ्वी जीवन का आधार बनाते है।

जिसने तुम्हे जीवन दिलाया

तुमने उसे क्यों नष्ट करवाया।


2. प्रदूषण से हमें बचना है

पेड़ो कि अंधा धूनी कटाई को रोक लगाना है

प्रदूषण को मिटाना है

स्वच्छ पृथ्वी को अपना पहचान

बनाना  है।

***@***


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