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Importance of agriculture and speaking is an art?

Kolkata, 29 Jan 2023: Speaking is an art? It is an art because to be effective you have to craft and deliver your presentation extremely mindfully and very creatively. Great communication doesn't just happen, it has to be thought about very carefully and prepared, structured, and expressed with excellence and eloquence.

Importance of agriculture and speaking is an art?
Importance of agriculture and speaking is an art? 


These contribute about 50 percent of the total exports from India. Apart from agricultural products, products from agro-based industries such as jute and cotton textiles also contribute to 20 percent of the country's total exports. Therefore, the agriculture sector is vital to the country's international trade and commerce activities.

निबंध : कृषि का महत्व


(ये भारत से कुल निर्यात का लगभग 50 प्रतिशत योगदान करते हैं। कृषि उत्पादों के अलावा, कृषि आधारित उद्योगों जैसे जूट और सूती वस्त्रों के उत्पाद भी देश के कुल निर्यात में 20 प्रतिशत का योगदान देते हैं। इसलिए, कृषि क्षेत्र देश की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वाणिज्य गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण है।)


भारतीय कृषि की महत्त्वपूर्ण विशेषता जोत इकाइयों की अधिकता एवं उनके आकार का कम होना है। भारतीय कृषि में जोत के अन्तर्गत कुल क्षेत्रफल खण्डों में विभक्त है तथा सभी खण्ड दूरी पर स्थित हैं। भूमि पर प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से जनसंख्या का अधिक भार है। कृषि उत्पादन मुख्यतया प्रकृति पर निर्भर रहता है।

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जिसका अर्थ है - किसान हमारे देश की सबसे महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में कार्य करते है, çcजिसके बिना हमारा भारत देश का विकास नहीं हो सकता है।


किसान कड़ी मेहनत और लग्न से सारे लोगों का पेट भरने के लिए खेत में कार्य करते है। आज हमारे भारत देश की अधिकांश आबादी की आय का स्त्रोत कृषि है, जो पुरे विश्व सकल का घरेलु उत्पाद का लगभग 16% है। आज भारत देश विकसित हो रहा है जिसमे हमारे देश के किसान भैयाओं का बेहद महत्वपूर्ण योगदान है,और हमें इस विषय की ओर विशेष ध्यान देना  चाहिए, ताकि किसान के लिए नवीनतम अत्याधुनिक तकनीकी से लाभ उठा सके, जो बदले में अच्छे नतीजे प्राप्त हो।

किसान अपने जीवन का हर समय मनुष्यों के पेट भरने के व्यतीत कर देते है, लेकिन समाज के लोग किसान को ही गरीब, और तुच्छ मानते है, जो पूर्ण रूप से गलत है,किसान  देश की शान है।


कृषि के बहुत सारे फायदे है जो निम्नलिखित है -1. लोगों को कमाई का साधन प्राप्त होता है


2. देश  भर में भोजन की आपूर्ति में योगदान करता है

3. राष्ट्रीय आय में योगदान

4. कई परिवारों के लिए कृषि आय एक प्रमुख स्त्रोत है।

5. देश के प्रगति के लिए


कृषि का तिरिस्कार यानि अपने देश एवं अंनपूर्ण देवी का असम्मान है, कुछ लोगों का यह मानना है कि कृषि अनपढ़ लोग ही करते है लेकिन ऐसा कतई नहीं है, आज हमारे देश में कृषि की शिक्षा दी जाती है और इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाया जाता है।


इसके अलावा कृषि गतिविधियों पर ध्यान केद्रित करने से हमारे राष्ट्रीय की वृद्धि होंगी। कृषि न केवल हमारे देश की प्रमुख गतिविधियों में से एक है, बल्कि यह सबसे शक्तिशाली गतिविधियों में से एक है, हमें हमेशा किसान और कृषि के कार्य को बढ़ावा और प्रोत्साहन करना चाहिए।


(कृषि का भारतीय अर्थव्यस्था के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 14 % योगदान है। लेकिन लगातार हमारी अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान घट रहा है। 1950 के दशक में हमारी अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 53 प्रतिशत होता था जो वर्तमान में करीब 14 % रह गया है। देश में निर्यात के क्षेत्र में कृषि का 10 % हिस्सा है।)


धन्यवाद : काजल साह :स्वरचित


 निबंध : बोलना एक कला है?


(यह एक कला है क्योंकि प्रभावी होने के लिए आपको अपनी प्रस्तुति को बेहद सोच-समझकर और बहुत ही रचनात्मक तरीके से तैयार करना होगा। महान संचार यूं ही नहीं हो जाता, इसके बारे में बहुत सावधानी से सोचा जाना चाहिए और तैयार, संरचित और उत्कृष्टता और वाक्पटुता के साथ व्यक्त किया जाना चाहिए।)


मुँह से निकले हर शब्द का मोल होता है इसलिए किस प्रकार से हम अपने बातों को कहते है यह बहुत अनिवार्य होता है,बोली में मिठास और खटास दोनों विर्जमान है इसलिए यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम अपने बोली से क्या छाप छोड़ना चाहते है।


आपके पास जितना भी गुण क्यों ना हो जब तक आप उसे एक्सप्रेस करना नहीं सीखेंगे तब तक वो गुण सब के सामने नहीं आ पायेगा, इसलिए सबसे पहले हमें अपने शब्दों को और हर वाक्य को मजबूत एवं सुन्दर बनाना सीखना होगा।


बोलना एक कला है इसे हम सीख सकते है ज्ञान एवं अपने बड़ो से।

लोग बोल क्यों नहीं पाते?

1. डर के कारण

2. आत्मविश्वास की कमी

3.लोग क्या कहेंगे

4. स्टेज का डर

5. कंटेंट की कमी के कारण


इत्यादि बहुत सारे कारण है जिनके वजह से हमें अपना विचार रखने में झिझकाहट होती है, अगर हमें जीवन में उन्नति के राह तक पहुंचना है तो सबसे पहले इन सारी कमियों को मिटाना होगा। हमारे अंदर सबसे पहले लर्निंग की रूचि होनी चाहिए, जब यह रूचि हम अपना लेंगे तब जरूर हम अच्छी अरिंग कर पाएंगे।

हम जिनके साथ ज्यादा समय बिताते है और जहाँ समय ज्यादा उपयोग करते है वही आदतें हमारे अंदर आ जाती है, वह गुण भी हो सकता है या अवगुण भी। अगर हमें बुरे मित्र, अत्यधिक सोशल मीडिया का दुरूपयोग, गेम्स की लत, आलसी बनके रहना, समय का दुरूपयोग करना इत्यादि अगर हम यह सब कार्य करते है तो हम कभी भी एक अच्छे स्पीकर नहीं बन सकते है, साथ ही  साथ एक अच्छा श्रोता बनने के लिए एक अच्छा वक्ता बनाना पड़ता है, इसलिए सुनना सीखिए जितना आप अपने से अनुभवी व्यतीयों को सुनियेगा वैसे ही आप अपने व्यक्तित्व में अच्छे गुण आएंगे।


पब्लिक स्पीकिंग के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य 

1.विषय चुने

2. निरंतर अभ्यास करे

3.आत्मविश्वास के साथ अपने भाषण/विचार को बोले

4. ऑय कांटेक्ट का सही से उपयोग करे

5. बॉडी लैंग्वेज


पब्लिक स्पीकिंग एक स्किल है इसे आप अपने प्रयास और सीखने की चाहते से अपनना सकते है इसलिए इस स्किल के लिए हमेशा लग्न से कार्य करते रहे।


The art of speaking. PUBLIC speaking is defined as the act or process of making speeches in public and the art of effective oral communication with an audience. But the process of making speeches in public goes far beyond stage time.


धन्यवाद : काजल साह :स्वरचित


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