प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान पर G20 असाधारण शिखर सम्मेलन में भाग लिया |
13 Oct 2021: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अफगानिस् तान पर G-20 असाधारण शिखर सम् मेलन में भाग लिया। यह बैठक इटली द्वारा बुलाई गई थी, जो वर्तमान में G-20 प्रेसीडेंसी आयोजित करते हैं और इसकी अध्यक्षता इटली के प्रधानमंत्री श्री मारियो ड्रैघी ने की है । मानवीय स्थिति से संबंधित बैठक में विचाराधीन मुद्दे; आतंकवाद से संबंधित चिंताएं; और अफगानिस्तान में मानवाधिकारों को सुधार लाना हैं ।
अपने बयान में प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए बैठक बुलाने में इटली के G-20 प्रेसिडेंसी की पहल का स्वागत किया । उन्होंने भारत और अफगानिस्तान के बीच सदियों पुराने लोगों से लोगों के बीच संबंधों पर जोर दिया । प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में भारत ने अफगानिस्तान में युवाओं और महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने में योगदान दिया है । उन्होंने याद दिलाया कि भारत द्वारा अफगानिस्तान में 500 से अधिक विकास परियोजनाएं लागू की गई हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगान लोगों को भारत के लिए मित्रता की बहुत भावना है । उन्होंने बताया कि हर भारतीय भूख और कुपोषण का सामना कर रहे अफगान लोगों के दर्द को महसूस करता है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि अफगानिस्तान को मानवीय सहायता तक तत्काल और निर्बाध पहुंच प्राप्त हो ।
प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया कि अफगान क्षेत्र क्षेत्रीय या वैश्विक स्तर पर कट्टरता और आतंकवाद का स्रोत न बने । उन्होंने क्षेत्र में कट्टरता, आतंकवाद और ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के गठजोड़ के खिलाफ हमारी संयुक्त लड़ाई को बढ़ाने पर जोर दिया ।
पिछले 20 वर्षों के सामाजिक-आर्थिक लाभों को संरक्षित करने और कट्टरपंथी विचारधारा के प्रसार को प्रतिबंधित करने के लिए प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान में समावेशी प्रशासन का आह्वान किया, जिसमें महिलाएं और अल्पसंख्यक शामिल हैं । उन्होंने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए समर्थन से अवगत कराया और अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 में निहित संदेश के लिए G-20 के नए सिरे से समर्थन का आह्वान किया । प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एक एकीकृत अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया तैयार करने का आह्वान किया जिसके बिना अफगानिस्तान की स्थिति में वांछित परिवर्तन लाना कठिन होगा ।
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