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मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने असम की आदिवासी विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा की

मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने असम की आदिवासी विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा की
मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने असम की आदिवासी विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा की: ©Provided by Bodopress

जनजातीय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने 12 सितंबर, 2021 को गुवाहाटी में राज्य अतिथि गृह में कहा था, वन धन असम में जनजातीय आजीविका और उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए एक गेम चेंजर हो सकता है जबकि एकलव्य विद्यालय आदिवासी बच्चों को एक समान और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करेंगे।

श्री मुंडा राज्य के दो दिवसीय दौरे पर असम के मुख्यमंत्री श्री हिमांता बिस्वा शर्मा से मिलने के लिए वहां मौजूद थे। मुख्यमंत्री के साथ इस व्यापक बैठक का उद्देश्य राज्य में जनजातीय विकास कार्यक्रमों (MFP, VDSHGs and TRIFOOD projects) ) के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा करना और समझना था। इस बैठक में असम सरकार के प्रमुख सचिव श्री प्रवीर कृष्ण, TRIFED के प्रबंध निदेशक और अन्य TRIFED अधिकारी भी मौजूद थे।

बैठक के दौरान श्री अर्जुन मुंडा द्वारा जनजातीय जीवन में सुधार के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्यक्रमों जैसे लघु वनोपज (MFP के लिए MSP), वन धन योजना, आदिवासियों के लिए ESDP प्रशिक्षण की समीक्षा की गई। इससे पहले अगस्त में असम के मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में ट्राईफेड टीम के साथ बैठक कर राज्य में आदिवासी विकास के विस्तार और आगे की राह के लिए कदमों को परिभाषित करने की योजना तैयार की थी । आदिवासी विकास को अगले स्तर तक ले जाने की इन भावी योजनाओं को भी इस दौरान प्रदर्शित किया गया और इस पर चर्चा की गई।

अपने दो दिवसीय दौरे पर श्री मुंडा के साथ ट्राईफेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रवीर कृष्ण और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और ट्राइफेड भी हैं।  मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद मंत्री ने एनई रीजनल सेंटर में लक्ष्मी बाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान में वॉयस ऑफ नॉर्थ ईस्ट जाजटिया लीडर कांफ्रेंस में भाग लिया ।

पूर्वोत्तर भारत में स्थित असम में काफी जनजातीय आबादी है, जिसमें 3,308,570 वनवासी हैं जो कुल आबादी का 12.4% हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के माध्यम से लघु वनोपज (MFP) के विपणन के लिए तंत्र और MFP के लिए मूल्य श्रृंखला का विकास इस राज्य में पिछले दो वर्षों में परिवर्तन के प्रकाश में आया है । देश के 21 राज्यों में राज्य सरकार की एजेंसियों के सहयोग से ट्राईफेड द्वारा संकल्पना और कार्यान्वित की गई यह योजना जनजातीय अर्थव्यवस्था में सीधे करोड़ों रुपये का इंजेक्शन लगाने वाले जनजातीय संग्रहकर्ताओं के लिए बड़ी राहत का स्रोत बनकर उभरी है ।

असम राज्य ने MFP योजना के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का उपयोग किया है जिसमें भारत सरकार के फंड का उपयोग करने वाली कुल खरीद 58.56 मीट्रिक टन है जिसकी कीमत 37.39 लाख रुपये है। वन धन योजना के तहत कुल 1,920 वीडी SHG को मंजूरी दी गई है जिन्हें 128 VDVK क्लस्टर में शामिल किया गया है। इससे 37,786 वन आदिवासी संग्रहकर्ताओं को सीधा लाभ हो रहा है। इन VDVKCs के संचालन के लिए कुल 19.20 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।

दूसरे दिन के लिए यात्रा कार्यक्रम में असम के राज्यपाल श्री जगदीश मुखी के साथ बैठक और IIE द्वारा आयोजित की जा रही वन धन कार्यशाला की योजनाबद्ध यात्रा शामिल है, जहां वह इस योजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे ।

इस तरह की समीक्षा, निगरानी और सभी राज्यों के लिए जमीनी स्तर पर कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की योजना बनाई जा रही है ताकि जनजातीय लोगों के लिए आय पैदा करने और उन्हें सशक्त बनाने में प्रभाव जल्दी हो सके ।

इन यात्राओं और कार्यक्रमों का उद्देश्य देश भर में जनजातीय जीवन और आजीविका के पूर्ण परिवर्तन को प्रभावी बनाना और एक अमान्यभार भारत की दिशा में प्रगति करना है ।

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