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BTC के मुख्य कार्यकारी सदस्य CEM प्रमोद बर' ने कहा घटना की उचित जांच होगी, दोनों संगठन के कैडर नहीं थे ।

BTC के मुख्य कार्यकारी सदस्य CEM प्रमोद बर' ने कहा घटना की उचित जांच होगी, दोनों संगठन के कैडर नहीं थे ।
BTC के मुख्य कार्यकारी सदस्य CEM प्रमोद बर' ने कहा घटना की उचित जांच होगी, दोनों संगठन के कैडर नहीं थे । ©Provided by Bodopress


20 Sep 2021:  सोशल मीडिया के वायरल खबरों के मताबिक बोडो टेरिटोरियल रीजन (BTR) कोकराझार जिले में असम पुलिस ने दो संदिग्ध उग्रवादियों की नाम देकर मौत के घाट उतार दिया। जो की दोनों को पुलिस ने एक दिन पहले गेरेपटर किया गया था।  अब  बोडो टेरिटोरियल काउंसिल (BTC) के मुख्य कार्यकारी सदस्य (CEM) प्रमोद बर' ने कहा घटना की उचित जांच होगी ।

बर' का यह बयान कोकराझार में हुए हंगामे के बाद आया है, जिसमें स्थानीय लोगों और विपक्षी दलों ने असलियत की घटना  सोशल मीडिया में वायरल मुठभेड़ का मंचन किया गया । जो की झूठा एनकाउंटर लगा कर दोनों को गुली मार कर हत्या कर दिया हैं। 

यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है । मैंने असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा से इस बारे में बात की है और वह भी इस बात से गंभीर रूप से चिंतित हैं । बर' ने कहा, मैंने अधिकारियों के साथ इस पर चर्चा की है और उचित जांच होगी।

विपक्षी दलों ने CBI और Human Right में case दाहिर करने के लिए मांग की गए हैं। 

सोशल मीडिया वायरल के मताबिक शुक्रवार को असम पुलिस ने झूठा बायेंन देकर बताया कि कोकराझार जिले के उल्टापानी रिजर्व वन क्षेत्र में 'गोलीबारी' में दो उग्रवादी-जनक ब्रह्मा और जंगसर मुशहरी, जो कि यूनाइटेड लिबरेशन ऑफ बोडोलैंड (ULB) के मारे गए हैं । जो की दोनों ULB संगठन के कैडर नहीं थे ।

पिछले हफ्ते गठित, ULB-जो एक अलग बोडोलैंड राज्य की मांग-के बारे में 200-250 कार्यकर्ताओं की ताकत है, उनमें से कई राष्ट्रीय डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के सदस्य हैं । जनवरी 2020  में तीसरे बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद NDFB के सभी गुट दशकों के सशस्त्र आंदोलन के बाद अंडरग्राउंड हो गए । कियूं की फिर से बर' लोगों के साथ धुका हुआ हैं।  ब्रह्मा और मुशहरी भी पूर्व NDFB के थे, और जनवरी 2020 में मुख्यधारा में शामिल थे ।

रविवार को सैकड़ों लोग हत्या के विरोध में बाहर निकल आए।

कोकराझार के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पनेसर ने अपने सफाई में बताया कि जब गोलीबारी शुरू हुई तो ब्रह्मा और मुशहरी उग्रवादियों की दिशा में भाग गए। 30 मिनट की फायरिंग के बाद दोनों की मौत हो गई, जिसमें गोली लगने से घायल हो गए । पनेसर ने कहा, गोलीबारी में उनकी मौत हो गई । 

हालांकि स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि दोनों ULB  का हिस्सा नहीं थे और पूरी मुठभेड़ का मंचन किया गया। ULB ने भी एक वीडियो स्टेटमेंट दिया है जिसमें कहा गया है कि दोनों संगठन के कैडर नहीं थे ।

इस बीच प्रभावशाली बोडो सिविल सोसाइटी समूह, ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन ने स्वतंत्र, उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है । कांग्रेस और बोडो पीपुल्स फ्रंट (BPF) दोनों ने इस घटना की ' निंदा ' की है ।

उन्होंने कहा, 'हमने मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा पर भरोसा खो दिया है। बोडो लोगों के साथ यह बड़ा अन्याय है। कांग्रेस के गार्जन मुशहरी ने कहा, समझौते को शांति समझौता माना जाना चाहिए था लेकिन BTR में शांति कहां है? पूर्व कोकराझार सांसद संसुमा खुंगुर Basumatary ने इसे अतिरिक्त न्यायिक हत्या और ठंडे खून की हत्या कहा ।

BTC प्रमुख बर' ने कहा- जब हम उचित जांच सुनिश्चित करते हैं तो मैं युवाओं से हथियार न उठाने की अपील भी करता हूं। हम पिछले तीन-चार दशकों में पहले ही बहुत कुछ गंवा चुके हैं। इस तरह के नए समूहों की संरचनाएं हमारे विकास और शांति प्रक्रिया को रोकती हैं ।

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