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At least six assam police personnel were killed by Mizoram Police at..

At least six assam police personnel were killed by Mizoram Police at..
At least six assam police personnel were killed by Mizoram Police at..: ©Provided by Bodopress

At least six assam police personnel were killed by Mizoram Police at..असम-मिजोरम सीमा पर 26 जुलाई को झड़पों के दौरान assam state पुलिस के कम से छह जवानों की जान जाने से फिर भड़क गई । दोनों पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सीमा विवाद के खूनी संघर्ष में भड़कने के कारण एक SP सहित 60 से अधिक लोग घायल हो गए ।

पिछले हफ्ते मिजोरम सरकार mizoram capital ने असम से लगी राज्य की सीमा के सीमांकन से निपटने के लिए सीमा आयोग का गठन किया गया था। आयोग के मताबिक, सीमा आयोग की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री चवुनलुइया करेंगे और उपाध्यक्ष के रूप में गृह मंत्री लालचमलियाना होंगे ।

आयोग में तीन मंत्रियों, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) के अलावा प्रमुख गैर सरकारी संगठनों, मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों mizoram capital, इनर लाइन रिजर्व वन डिमांड पर संयुक्त कार्रवाई समिति के एक-एक सदस्य भी होंगे ।

मिजोरम सरकार mizoram capital  ने आरोप लगाया कि पड़ोसी assam state अपने क्षेत्रों पर दावे कर रहा है, जिसे उसके सीमावर्ती गांवों के निवासी 100 साल से अधिक समय से कब्जा कर रहे हैं ।

दोनों राज्यों के बीच संघर्ष केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मेघालय से लौटने के बाद हुई थी, जो इस क्षेत्र की दो दिवसीय यात्रा पूरी करके गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों से विवाद का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने को कहा गया हैं। 

CM की बैठक में assam state के साथ सीमा विवाद पर बोलते हुए जोरमथंगा ने कहा कि बाद में दावा किए गए क्षेत्र का इस्तेमाल मिजोरम के लोगों ने 100 साल से अधिक समय से किया है ।

जोरमथंगा ने assam state सरकार से अनुरोध किया कि वह जमीन पर स्थिति का सम्मान करे और शांति भंग करने से बासे ।

ट्विटर पर ज़ोरमथांगा द्वारा साझा की गई एक क्लिपिंग में पुलिस को लाठी से लैस लोगों के बीच झड़प रोकने की कोशिश करते हुए दिखाया गया हैं ।

असम पुलिस ने ट्वीट के जवाब में कहा कि मिजोरम के शरारती तत्व पत्थरबाजी में लिप्त थे और असम की जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए लैलापुर में तैनात असम सरकार के अधिकारियों पर हमला कर रहे थे ।

इसके जवाब में मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना mizoram capital ने एक बयान में कहा कि सोमवार की हिंसा तब शुरू हुई जब असम पुलिस ने अपने क्षेत्र पर अतिक्रमण कर लिया, जिससे दोनों पक्षों के हताहतों को ' खेदजनक ' कहा जा सके ।

दोनों राज्यों के प्रमुखों असम के सरमा और मिजोरम के जोरमथंगा ने हिंसा के लिए दूसरे पक्ष को दोषी ठहराया है, जिसमें भारत के गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के लिए ट्विटर पर अपील की गई है ।

दोनों ने पहाड़ियों के माध्यम से चल रही सड़क की एक पतली पट्टी पर झड़पों के वीडियो साझा किए जहां सशस्त्र पुलिस और नागरिकों को लकड़ी के डंडों से लड़ते हुए देखा जा सकता है ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी असम में सत्ता में है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) के घटक मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) मिजोरम में शासन कर रहे हैं।

यह हिंसा शाह द्वारा देश के सात पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात के दो दिन बाद हुई । स्थानीय मीडिया के मुताबिक शाह ने सरमा और जोरमथंगा से बात की और उनसे सीमा मुद्दे को सुलझाने को कहा।

असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने PTI को बताया कि गोलीबारी और पथराव में कछार पुलिस अधीक्षक वैभव चंद्रकांत निंबालकर सहित कम से कम 50 कर्मी घायल हो गए।

इस बीच, सिलचर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SMCH) के प्रिंसिपल बाबुल बेजबरुआ ने PTI  को बताया कि गोली लगने से कम से कम  50 पुलिस कर्मियों को भर्ती कराया गया ।

"घायल कर्मियों का लगातार देखभाल हो रहा है । इन सभी घायलों को गोली लगी है, उन्होंने कहा, हमने सभी डॉक्टरों को बुलाया है और घायलों के इलाज के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया है ।

अधिकारियों ने कहा हैं कि करीब 10 और लोग, जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं, पास के धोलाई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया ।

उन्होंने कहा, 'मुझे यह बताते हुए गहरा दुख हो रहा है कि असम-मिजोरम सीमा पर हमारे राज्य की संवैधानिक सीमा की रक्षा करते हुए असम पुलिस के छह बहादुर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया, "शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है ।" PTI 

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