Assam में विपक्षी दलों ने सरकार गठन, देरी को लेकर हमला तेज कर दिया है:©Provided by Bodopress/Karan Singh |
May 8, 2021: विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के करीब एक सप्ताह बाद भाजपा ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि असम का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुख्यमंत्री sarbananda sonowal ने शुक्रवार को गुवाहाटी में मीडिया से कहा कि नई सरकार का गठन एक दो दिन में हो जाएगा। "संसदीय बोर्ड की शीघ्र ही बैठक होगी और जल्द ही इस पर कोई फैसला होगा । उन्होंने कहा, चिंता करने की कोई बात नहीं है, बहुत जल्द ही सरकार बनेगी ।
इस मामले को लेकर, sarbananda sonowal और सरमा आज शनिवार को नई दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे, जहां पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर बैठक होने की संभावना है।
उधार कांग्रेस ने पेशकश की है, कि उसके 29 विधायक हैं अगर शर्मा भाजपा से बाहर आए तो मुख्यमंत्री के रूप में सरमा का समर्थन करेंगे। कांग्रेस के पूर्व नेता रहे शर्मा 2015 में भाजपा में शामिल हुए थे।
कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी ने कहा- यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस समय जब राज्य covid -19 की दूसरी लहर से जूझ रहा है तो राज्य में कोई सरकार नहीं है। अगर वे मुख्यमंत्री पद पर फैसला नहीं कर सकते तो उन्हें हमें दे दो और हम सरकार बनाएंगे । कुर्मी ने आगे कहा, "कांग्रेस के 29 विधायक अगर BJP से बाहर आने का फैसला करते हैं तो वह सरमा का समर्थन करेंगे। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा कि भाजपा को 'हमें' CM पद देना चाहिए अगर वे असम में सरकार नहीं बना पा रहे हैं तोह।
sarbananda sonowal जहां मौजूदा मुख्यमंत्री हैं, वहीं वित्त मंत्री हिमांता बिस्वा सरमा को इस पद के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता जो नाम नहीं लेना चाहते थे, उन्होंने कहा- विकल्प कठिन है क्योंकि सोनोवाल के नेतृत्व में भाजपा सत्ता में वापस आई और सरमा पिछले पांच साल में अपने काम के प्रबल दावेदार के रूप में उभरे हैं। नेतृत्व को असामान्य रूप से एक सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने में काफी समय लग रहा है क्योंकि इस समय केंद्र में किसी भी नेता का पुनर्वास संभव नहीं है ।
भाजपा के नेतृत्व वाले NDA ने 126 सदस्यीय विधानसभा में 75 सीटें हासिल की हैं, जो 2016 की तुलना में 11 सीटें कम हैं। भाजपा ने 60 सीटें जीती जो पांच साल पहले मिली संख्या के समान है। असम गण परिषद ने पिछली बार 14 के मुकाबले 9 सीटें जीती थीं, जबकि गठबंधन की नई सहयोगी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (UPPL)को छह सीटें मिली थीं। इस बीच विपक्षी दलों ने सरकार गठन में देरी को लेकर भाजपा पर हमला तेज कर दिया है।
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